जानिये, हेलिपैड कैसे बनाते हैं, कितना साइज़ होता है और कैसे स्थान पर बनाना चाहिए!
हेलीपैड (Helipad) क्या होता है?
हेलीपैड एक स्थिर और सुरक्षित स्थान होता है, जिसे हेलीकॉप्टर उतरने और उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इसे Heliport के नाम से भी जाना जाता है। हेलिपैड एरिया ठोस होता है ताकि Helicopter आसानी से सुरक्षित रूप से उतर-उड़ सकें।
साधारण सतह पे हेलीकॉप्टर के शक्तिशाली पंखें से रेत या धूल हवा में उड़ जाती है। इससे उस स्थान पर कुछ समय के लिए विजिबिलिटी कम हो जाती है। भटकाव, भ्रम और घबराहट की स्तिथि उत्पन्न हो जाती है। इसलिए हेलिपैड एरिया का ठोस होना जरुरी होता है।
Helipads कई तरह के हो सकतें है जिसे विभिन्न स्थानों पर बनाया जाता है, जैसे कि - खुला मैदान, हवाई अड्डा, बड़े होटल्स, अस्पतालों या अन्य इमारत, कोई विशिस्ट स्थल, आदि। हेलीपैड आमतौर पर कंक्रीट से बनाए जाते हैं, और उपर हवा से दिखाई देने के लिए एक सर्कल और / या एक अक्षर "H" से चिह्नित होते हैं।
हेलीपैड के प्रकार (Types of Helipads):
- अस्थायी हेलीपैड(Temporary Helipad)
अस्थायी हेलीपैड प्राय: राजनितिक रैली, आपात स्थिति, आदि के दौरान खुले जगह में बनायें जाते है। इसे साधारण जमीन को साफ़ कर , चुना या अन्य पेंट से "H" अक्षर और एक गोल घेरा मार्क करके बनाया जाता है। आस-पास मौजूद हल्के वजन / उड़ने वाली सभी वस्तु को हटा दिया जाता है। पोर्टेबल Helipad बनाने के लिए एक विशेष Mat का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इन्हें 'हेलीपैड मैटिंग' या 'लैंडिंग पैड' कहतें है। लैंडिंग पैड का निर्माण बर्फीले जगह, पहाड़ी ढलान, दलदली क्षेत्र, जैसी कठिन स्थितियों में भी किया जा सकता है।
- स्थायी हेलीपैड(Permanent Helipad)
स्थायी हेलीपैड कंक्रीट, स्टील या एल्यूमीनियम से बने हो सकते हैं। जमीन पर या हवाई अड्डा क्षेत्र में बनने वाले हेलीपैड PCC या RCC कंक्रीट के होतें है। कुछ गगनचुंबी इमारतों की छतों पर हवाई टैक्सी सेवा उपलब्ध कराने के लिए इस प्रकार के Helipad बनाये जाते है। बड़े जहाजों में आम तौर पर आपातकालीन उपयोग के लिए एक हेलीपैड होता है। यहाँ यह,'हेलीकॉप्टर डेक' के नाम से जाना जाता है। अस्पताल में Helipad उपलब्ध होने से एयर एम्बुलेंस द्वारा मरीजों को स्थानांतरित करने या दूरदराज के क्षेत्रों से मरीजों को लाने में सुविधा होती है।
हेलीपैड का आकार (Size of Helipad):
हेलीपैड का आकार विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर्स के लिए अलग-अलग हो सकता है। लेकिन आमतौर पर, एक साधारण हेलीपैड का आकार लगभग 25 मीटर x 25 मीटर (82 फुट x 82 फुट) होता है। यह साइज़ बड़े और मीडियम आकार के हेलीकॉप्टर्स के लिए उपयुक्त होता है। 50 फुट x 50 फुट के आकार वाले हेलीपैड, मीडियम और छोटे आकार के हेलीकॉप्टर्स के लिए उपयुक्त होता है।
हेलीपैड का डिज़ाइन और आकार स्थान, उपयोग, और स्थानीय नियमों के आधार पर भिन्न हो सकता है।उदाहरण के लिए, यहाँ एक स्थायी हेलीपैड का कंस्ट्रक्शन प्रोसेस बताया गया है, जो की PCC कंक्रीट से बनाया गया है और जिसका साइज़ 25 मीटर x 25 मीटर है।
हेलिपैड कैसे बनाते हैं। Helipad Construction Process:
- पहले खुला जगह का चुनाव करें, जिसमें कोई पेड़, बिजली का खम्भा आदि न हो।
- उस जगह को सामान्य जमीन के लेवल से ऊँचा बनाये , ताकि बाढ़ का पानी न आ पाए। टेक्निकली, उस स्थान के H.F.L (Highest Flood level) से ऊँचा बनाना चाहिये।
- 30 x 30 मीटर के एरिया में 6 इंच मोटी मिट्टी की एक लेयर रोलर मशीन से रोलिंग करें, अगर वहां की मिट्टी ठोस न हो तो। इसके उपर ईंट सोलिंग या GSB का एक लेयर बनाये जो, उपर बनाये जाने वाले PCC प्लेटफार्म को आधार देगा।
- अब 25 x 25 मीटर के आयताकार या गोलाकार एरिया, ईंट सोलिंग या GSB लेयर पर मार्क करें। 6 इंच मोटी PCC की ढलाई के लिये 8 इंच ऊँची शटरिंग किनारे पे लगवाएं।
- शटरिंग से पहले और बाद में जमीं का लेवल चेक कर PCC की ढलाई शुरू करें। साथ ही, हेलीपैड पे आसानी से आने-जाने के लिये एप्रोच रोड का भी होना जरुरी है।
बिल्डिंग्स के छत पर बने हेलीपैड पर कभी-कभी 2 अंकों की बड़ी संख्या प्रदर्शित होती है, जो हेलीपैड की वजन सीमा (हजारों KG) को दर्शाती है। एक दूसरी संख्या मौजूद हो सकती है, जो फीट में अधिकतम पंखें की गोलाई (रोटर व्यास) को दर्शाती है।
दुनिया का सबसे ऊंचा हेलीपैड सियाचिन ग्लेशियर पर स्थित है, जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 21,000 फीट (6400 मीटर) है।
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