मैकेनिकल इंजीनियर के कार्य, बनने की योग्यता और सैलरी आदि की जानकारी (Mechanical engineering in hindi)
मैकेनिकल इंजीनियरिंग क्या है : इसमें इंजीनियरिंग के छात्र मशीन से संबंधित पढ़ाई करते हैं। इस प्रकार के इंजीनियरिंग के अंतर्गत मशीनरी के निर्माण और विकास से संबंधित हर प्रकार की जानकारी स्टूडेंट्स को उपलब्ध कराई जाती है। मैकेनिकल इंजीनियर को हिंदी में 'यांत्रिकी अभियंता' कहते है।
बहुत से छात्रों की रुचि मशीन सम्बंधित होती है तो ऐसे में उनके पास एक सुनहरा करियर मशीन के क्षेत्र में हो सकता है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लिए डिप्लोमा (3 वर्ष), डिग्री (4 वर्ष), मास्टर डिग्री (2 वर्ष) और Ph.d Course उपलब्ध होता है। आईये विस्तार से जानते है की मैकेनिकल इंजीनियर क्या-क्या काम करते है? इनकी मुख्य भूमिका और जिम्मेदारियां क्या होती है? मेकेनिकल इंजीनियर की सैलरी कितनी होगी? आदि।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स पूरा करने के बाद निम्नलिखित पदों पे काम किया जाता है:
- मेंटेनेंस इंजीनियर
- साइट इंजीनियर
- प्रोडक्ट डिजाइनिंग इंजीनियर
- क्वालिटी चेक इंजीनियर
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर
- एयरोस्पेस इंजीनियर
- पेट्रोलियम इंजीनियर
- सेल्स इंजीनियर
मैकेनिकल इंजीनियर के कार्य (भूमिका एवं जिम्मेदारियां) :
मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसा नाम से ही स्पष्ट है कि इसके अंतर्गत मशीन के मैकेनिकल सिस्टम को बनाने और उसकी रेख देख का कार्य करना होता है। मैकेनिकल इंजीनियर सामान्य तौर पर अलग-अलग तरह के मशीनों के डिजाइनिंग, प्रोडक्शन और प्रणाली के बारे में अच्छी जानकारी रखते है।
एक मेंटेनेंस इंजीनियर की जिम्मेदारी मशीन के रख-रखाव की होती है, जबकि एक डिजाइनिंग इंजीनियर का काम मशीन प्रणाली डिज़ाइन करना होता है। इसी तरह एक क्वालिटी चेक इंजीनियर मशीन, पेट्रोलियम संयंत्र आदि की क्वालिटी जांच करता है।
- प्रोडक्ट निर्माण : इनके द्वारा कई प्रकार के उपकरण तैयार किया जाता है। जैसे- रेफ्रिजरेटर, जनरेटर, वेंटीलेशन सिस्टम, बायोमेडिकल सिस्टम, हवाई वाहन, इलेक्ट्रॉनिक मशीन तथा अन्य परिवहन उपकरण।
- प्रोडक्ट डिजाइन : मशीन के निर्माण से पहले उसके रूप-रेखा, इंजन सिस्टम, स्ट्रक्चरल डिज़ाइन आदि कार्य एक डिजाइन इंजीनियर के द्वारा होता हैं। यहाँ पे मशीन से सम्बंधित सभी सुरक्षा मापदंड खरा उतरने के बाद ही निर्माण कार्य होता है।
- बड़े संयंत्र का परिचालन : मैकेनिकल इंजिनियर OIL और GAS क्षेत्र में हाइड्रोलिक के नियमों के आधार पर कई प्रकार के बड़े उपकरण का परिचालन करते हैं जैसे:- टरबाइन, थर्मल हाइड्रोलिक मशीन, हीट एक्सचेंज, कंटेनर इत्यादि उपकरणों का डिजाइन करते हैं।
मैकेनिकल इंजीनियर की सैलरी (वेतन)
नौकरी की शुरुआत के समय में डीग्री वाले इंजीनियर की सैलरी 20,000 से लेकर 40,000 रूपये प्रति महीना मिलती है, जबकि डिप्लोमा इंजिनियर को थोड़ा कम। जब व्यक्ति सीनियर इंजिनियर की पोस्ट पर आ जाता है तो उसकी सैलरी 50, 000 से 1,00,000 रूपये प्रति महीना हो सकती है।
हालांकि सरकारी सेक्टर में शुरुआत के समय यांत्रिक अभियंता की सैलरी 60,000 रुपए प्रति महीना और उसके पश्चात 1,00,000 से 2,00,000 रुपए प्रति महीना तक मिलती है। सैलरी के अतिरिक्त आपको अन्य विभिन्न सुविधाएं भी मिलती है जैसे कि आवास की सुविधा, कार्यालय वाहन, टेलीफोन आदि।
मैकेनिकल इंजीनियर कैसे बनें :
Mechanical Engineer बनने के लिए सबसे पहले आपको किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से मेकेनिकल इंजीनियरिंग डिग्री या डिप्लोमा कोर्स की पढाई करनी होगी। इंडिया में वर्तमान समय में बहुत से इंजीनियरिंग कॉलेज हैं इसमें से किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए प्रवेश परीक्षा (Entrance Exam) आयोजित की जाती है। जैसे- JEE Mains Exam, JEE Advance, State level exams etc.
यदि कोई Diploma लेना चाहता है तो इसके लिए उसे राज्य सरकार द्वारा निकाले गए Polytechnic exam की परीक्षा पास करके दाखिला लेना होगा। इसके अलावे, बहुत सारे प्राइवेट कॉलेज में आपके 12वीं में प्राप्त अंक के आधार पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स में प्रवेश मिल जाता है।
इंजीनियरिंग की पढाई पूरा होने और सर्टिफिकेट मिलने के बाद स्टूडेंट को इंजिनियर माना जाता है। तत्पश्चात प्राइवेट नौकरी के लिए कंपनियों में इंटरव्यू दिये जाते है और ट्रेनी या जूनियर इंजिनियर के पद पर कार्य किया जाता है। यदि व्यक्ति सरकारी दफ्तर में नौकरी पाना चाहता है तो इसके लिए निश्चित समय अवधि में निकलने वाली बहाली में पास होकर सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकता है।
यदि कोई विद्यार्थी M.Tech कोर्स पूरा करना चाहता है तो उसके लिए उस विद्यार्थी को एक Pre-exam देना होता जिसे GATE EXAM के नाम से जानते हैं।
निम्नलिखित संस्था/कंपनी में एक मैकेनिकल इंजिनियर जॉब कर सकते हैं :
- इंडियन रेलवे
- एनटीपीसी
- इंडियन ऑयल
- एयरपोर्ट अथॉरिटी
- भेल
- सैल
- कोल इंडिया
- एयरोनॉटिक्स लिमिटेड
- टाटा मोटर्स
- गोदरेज ग्रुप
- होंडा ग्रुप
- लार्सन अंड टर्बो ग्रुप
मैकेनिकल इंजीनियर कैरियर सबसे पुराना और बेहद एवरग्रीन माना जाता है। वर्तमान समय में आए दिन कुछ ना कुछ अविष्कार होते ही रहते हैं बाजार में कोई नई गाड़ी या मशीन आने का ट्रेंड चलता रहता है। आज मैकेनिकल इंजीनियर की मांग प्राइवेट कंपनियों के अतिरिक्त सरकारी संस्थाओं में भी बढ़ गई है।
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1 टिप्पणियाँ
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